ताकि किसी और शादी लाल की मदद हो सके !!

कल 90 वर्षीय शादीलाल जी वॉयलेट लाइन मेट्रो में अकेले सफर करते मिले। सीनियर सिटीजन की सीट पर उनके बगल में बैठने के बाद मुझे लगा वो कुछ बेचैन हैं।

बार बार वे मुझसे पूछते ये कौन सा स्टेशन है?

जब मैंने पूछा कि आपको जाना कहाँ है तो वो माथे पर हाथ रख कर बोले-" वही तो मैं भूल गया हूँ"

फिर आप जाएंगे कहाँ?"- मैंने हैरानी से पूछा।

शादी लाल बोले- "एक बड़ा सा स्टेशन है न ?"

मैंने- नई दिल्ली, राजीव चौक, कई नाम लिए, उन्होंने सबको नकार कर कहा-"ये नहीं, एक स्टेशन है न सेंटर में जहाँ गाड़ी बदलते हैं।"

मैंने पूछा-" सेंट्रल सेक्रेटेरिएट ?"

ख़ुशी से चमकते चेहरे से शादीलाल जी बोले-" जी हां, जीहां, थैंक्यू! थैंक्यू !"

मैंने पूछा- "सेन्ट्रल सेक्रेटेरिएट से किधर जाएंगे?"

"वो तो मुझे याद नही, आई एम नाइंटी इयर ओल्ड, कुछ आप बताइए।" पहले की सारी खुशी को अलविदा कह एकबार फिर शादी लाल पुरानी अवस्था में आ गए।

मैंने धैर्य से पूछा-" आप पहले गए हैं? कितनी देर लगती है?"

शादीलाल-" बस तुरंत आ जाता है।"

मैं ने कहा-" पटेल चौक?"

शादीलाल जी का चेहरा हज़ार वाट के बल्ब सा चमका,

-"बिल्कुल बिल्कुल, अब याद आ गया, पटेल चौक ही जाना है मुझे।"

मैंने एक स्लिप पर पटेल चौक लिख कर उनको दिया और कहा-"सेंट्रल सेक्रेटेरिएट आने वाला है, मेट्रो से बाहर निकल कर किसी को ये स्लिप दिखाइयेगा, वो सही मेट्रो में आपको बैठा देगा।"

शादी लाल जी ने दुआओं की बरसात करते हुए जब मेरा हाथ पकड़ कर दबाया, तो पता नही क्या हुआ, मैं उनके साथ साथ येलो लाइन मेट्रो तक न केवल चला आया बल्कि उसमे सवार हो उनको पटेल चौक तक छोड़ने भी चला गया।

"सम्हाल कर उतरिये, यही पटेल चौक है।" मैंने मेट्रो के दरवाजे पर रुकते हुए कहा।

शादीलाल जी उतरे, पर आगे बढ़ने की बजाय वापस मुड़ कर मेट्रो का दरवाज़ा बन्द होने और ट्रेन चलने तक मेरी ओर देखते हुए यूँ हाँथ हिलाते रहे मानो वे ही मुझे ट्रेन में बैठाने आये हों।

शादीलाल जी की समस्या समझने, निदान सोचने, एक मेट्रो से दूसरी में जाने और उनका अगला स्टेशन आने की पूरी प्रक्रिया ताबड़तोड़ 5 मिनट में ऐसी गतिमान हुई कि कई जिज्ञासाएं अनुत्तरित रहीं जैसे

इस उम्र में अकेले क्यों निकलना पड़ा ?

किससे मिलने की बेताबी में यूँ घर से निकाल पड़े ?

अभी भी बच्चों के साथ रहने का सौभाग्य है या नही?

ईश्वर ने कभी फिर मुलाक़ात कराई तो ज़रूर पूछूँगा ।

( निवेदन: अगर आपके घर के कोई बुज़ुर्ग अकेले यात्रा करते हों तो उनको घर और गन्तव्य का पता, मोबाइल नम्बर लिख कर अवश्य देदें या गले मे टांग दें जिससे ज़रूरत पड़ने पर कोई उनकी सहायता कर सके)

इसे बिना पूछे शेयर करें, ताकि किसी और शादी लाल की मदद हो सके
The Learning Explorer

Welcome to KnowledgeNest, a space where curiosity meets learning. In today’s fast-paced world, continuous learning is key to staying ahead. At KnowledgeNest, we aim to provide you with practical insights, thought-provoking articles, and the latest trends to fuel your passion for knowledge. Whether you’re a professional looking to upskill, a student exploring new ideas, or someone simply eager to learn something new, this is the place for you. Join us on this exciting journey of exploration and growth, as we share resources, tips, and discussions that empower you to expand your horizons and achieve more

Post a Comment

Previous Post Next Post