पहलगाम निर्दोष लोगों की हत्या निन्दनीय 😢🙏
ये फोटो 54 साल पुरानी है, 1971 की फोटो है।
यह फोटो उस समय के पूर्वी पाकिस्तान और आज के बांग्लादेश की है। उस समय पाकिस्तान की सेना लुंगी खुलवाकर लोगों को चेक कर रही थी कि, हिन्दू हैं या मुसलमान। उनके हिन्दू होने पर पाकिस्तानी सेना उनको गोली मारकर मौत के घाट उतार देती थी।
ठीक 54 साल बाद, 2025 में भी कुछ नहीं बदला।
वही धर्मांधता, वही कट्टरता, वही सांप्रदायिकता अपना ज़हरीला फन काढ़ कर पहलगाम में फुफकारती नज़र आई है, नंगे होकर नाचती नज़र आई है।
इसलिए गंगा जमुनी तहज़ीब का जो गांजा पिछले 78 सालों से इस देश को कांग्रेसी और कम्युनिस्टी श्वानों ने पिलाया है, उस नशे को अब मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। कोई गंगा जमुनी तहज़ीब की धोखाधड़ी अब नहीं चलने वाली। 1400 साल पुरानी किसी रद्दी के बजाय देश के संविधान को सर्वोपरि मानना ही होगा। देश के लिए, देश के साथ चलना ही होगा। यह सब केवल ज़ुबान से नहीं बल्कि आचरण से दिखाई देना चाहिए, वरना तुम दिखाई देना बंद हो जाओगे। मोदी से योगी तक देश का संदेश यही है। हम मोदी और योगी के साथ हैं, 1400 साल पुरानी किसी रद्दी और उसके दीवाने किसी अनपढ़, जाहिल, गंवार के साथ नहीं।
भारत माता की जय🇮🇳