ओडिशा में हाल ही में आए चक्रवात ने कई इलाकों में तबाही मचा दी, जिससे सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इसी दौरान एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने इंसानियत और कर्तव्य का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया।
मानस कुमार, जो एक एम्बुलेंस कर्मचारी हैं, ने मूसलधार बारिश और टूटी हुई सड़कों के बावजूद हार नहीं मानी। जब वह एक मरीज को अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में आई भारी तबाही के कारण एम्बुलेंस आगे नहीं बढ़ सकी। मरीज की हालत गंभीर थी और समय पर इलाज जरूरी था। ऐसे में मानस कुमार ने बिना किसी हिचक के मरीज को अपनी गोद में उठाया और लगभग 2 किलोमीटर तक पैदल चलकर उसे सुरक्षित अस्पताल पहुँचाया।
भीगते बदन, फिसलन भरी ज़मीन और तेज़ बारिश के बीच मानस का यह साहसिक कदम सिर्फ एक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक मिशन था – एक जीवन बचाने का।
इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि असली हीरो वे नहीं होते जो पर्दे पर दिखते हैं, बल्कि वे होते हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी इंसानियत का साथ नहीं छोड़ते। मानस कुमार की यह निःस्वार्थ सेवा पूरे देश को गर्व की अनुभूति कराती है।